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₹50 हजार रूपये की FD करने पर मिलेंगे 5 साल बाद इतने रूपये Post Office FD Scheme

Post Office FD Scheme: पोस्ट ऑफिस की एफडी स्कीम यानी Fixed Deposit Plan उन लोगों के लिए सबसे बेहतर विकल्प है जो सुरक्षित निवेश और पक्का रिटर्न चाहते हैं। इसमें निवेशक का पैसा पूरी तरह से सरकार की गारंटी में रहता है, इसलिए इसमें किसी भी तरह का जोखिम नहीं होता। यही वजह है कि आज भी लाखों लोग अपनी बचत का एक बड़ा हिस्सा पोस्ट ऑफिस की एफडी में लगाना पसंद करते हैं। यह स्कीम न सिर्फ स्थिर ब्याज दर देती है बल्कि बाकी बैंकों की तुलना में ज्यादा भरोसेमंद भी मानी जाती है।

क्या है Post Office FD Scheme

पोस्ट ऑफिस एफडी स्कीम में आप अपनी राशि 1 साल से लेकर 5 साल की अवधि तक के लिए जमा कर सकते हैं। इस पर मिलने वाला ब्याज तय रहता है, यानी मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई असर नहीं होता। फिलहाल 5 साल की एफडी पर पोस्ट ऑफिस 8.4% सालाना ब्याज दर दे रहा है, जो कि कई प्राइवेट बैंकों से भी ज्यादा है। इसमें ब्याज हर तिमाही compound होता है, जिससे maturity पर अच्छा खासा रिटर्न बनता है। इस स्कीम में न्यूनतम ₹1000 से निवेश शुरू किया जा सकता है और इसकी कोई ऊपरी सीमा नहीं है। आप चाहे ₹5000 लगाएं या ₹5 लाख, ब्याज दर सभी पर समान रहती है। एफडी को आप अकेले या संयुक्त रूप से परिवार के किसी सदस्य के साथ भी खुलवा सकते हैं।

₹50,000 की FD पर मिलेगा कितना फायदा

अगर कोई व्यक्ति पोस्ट ऑफिस में ₹50,000 की एफडी 5 साल के लिए करता है, तो उसे 8.4% वार्षिक ब्याज दर पर कुल ₹22,497 रुपये का ब्याज मिलेगा। यानी 5 साल बाद maturity के समय उसे कुल ₹72,497 रुपये प्राप्त होंगे। इसमें ₹50,000 उसका मूलधन और ₹22,497 ब्याज के रूप में जुड़ता है। पोस्ट ऑफिस की एफडी की खास बात यह है कि इसमें ब्याज हर तीन महीने पर compound होता है, यानी ब्याज पर ब्याज जुड़ता जाता है। इसी वजह से maturity amount सामान्य ब्याज से ज्यादा बनता है।

खाता खोलने की प्रक्रिया और टैक्स बेनिफिट

पोस्ट ऑफिस एफडी खाता खुलवाने के लिए अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस में जाएं और एक छोटा फॉर्म भरें। साथ में आधार कार्ड, पैन कार्ड और दो फोटो देना जरूरी है। आप cash या cheque से रकम जमा कर सकते हैं। एफडी की अवधि पूरी होने के बाद अगर आप चाहें तो उसे renew भी कर सकते हैं। 5 साल की एफडी पर मिलने वाले ब्याज को Income Tax Act की धारा 80C के तहत टैक्स छूट में शामिल किया जा सकता है। यानी इसमें न सिर्फ अच्छा रिटर्न मिलता है बल्कि टैक्स सेविंग का फायदा भी।

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