Government Employees Gratuity: केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को एक और खुशखबरी दी है। सरकार ने ग्रेच्युटी की सीमा को 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया है। इस फैसले के बाद लाखों कर्मचारियों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है। हालांकि, यह सुविधा हर सरकारी कर्मचारी को नहीं मिलेगी। केंद्र ने साफ किया है कि यह बढ़ोतरी केवल कुछ खास श्रेणी के कर्मचारियों पर लागू होगी।
किन्हें मिलेगा इस बढ़ी हुई ग्रेच्युटी का लाभ
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने हाल ही में जारी अधिसूचना में बताया है कि यह लाभ उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा जो सेंट्रल सिविल सर्विसेज रूल 2001 या 2021 के अंतर्गत आते हैं। इसका मतलब है कि 1 जनवरी 2024 के बाद से रिटायर होने वाले ऐसे सभी पात्र केंद्रीय कर्मचारी इस नई सीमा का फायदा उठा सकेंगे। मंत्रालय के मुताबिक यह संशोधन उसी तारीख से प्रभावी माना जाएगा और योग्य कर्मचारियों को इसका भुगतान सीधे उनके सेवानिवृत्ति लाभ के साथ किया जाएगा।
किन कर्मचारियों को नहीं मिलेगा यह फायदा
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह फैसला सभी विभागों पर लागू नहीं होगा। बैंक, सार्वजनिक उपक्रम, स्वास्थ्य संस्थान, पोस्टल ट्रस्ट और राज्य सरकारों के कर्मचारी इस बढ़ोतरी के दायरे में नहीं आएंगे। इन संस्थानों के अपने अलग नियम हैं और इन्हें अपनी नीति के अनुसार अलग से निर्णय लेना होगा। ऐसे कर्मचारी अपने विभाग से यह पुष्टि कर सकते हैं कि वे किस नियम के तहत आते हैं और क्या वे इस लाभ के पात्र हैं या नहीं।
रिटायरमेंट के समय मिलेगी ज्यादा आर्थिक सुरक्षा
केंद्र सरकार का यह कदम कर्मचारियों के भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा फैसला माना जा रहा है। रिटायरमेंट के बाद अब उन्हें पहले से अधिक ग्रेच्युटी राशि मिलेगी, जिससे उनका बुढ़ापा और आरामदायक बन सकेगा। सरकार का कहना है कि यह निर्णय तब लिया गया जब डीए यानी महंगाई भत्ता मूल वेतन के 50 प्रतिशत तक पहुंच गया। ऐसे में यह बदलाव कर्मचारियों के हित में एक स्वाभाविक और जरूरी कदम था।
कर्मचारियों के लिए ऐतिहासिक फैसला
ग्रेच्युटी की सीमा को 25 लाख रुपये तक बढ़ाना केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय माना जा रहा है। यह फैसला न केवल उनके वित्तीय जीवन को स्थिरता देगा, बल्कि उनकी रिटायरमेंट योजनाओं को भी मजबूत करेगा। लंबे समय से सेवाएं दे रहे कर्मचारियों के लिए यह निर्णय किसी राहत से कम नहीं है। वहीं राज्य सरकारों और अन्य संस्थानों में कार्यरत कर्मचारी अब इस फैसले पर केंद्र की तरह अपने स्तर पर कदम उठाए जाने की उम्मीद कर रहे हैं।