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शादी समारोह में बच्चों को संभालने पर मिलते हैं ₹88,000 रुपए कमाई का अनोखा जरिया! Business idea

Business idea: आजकल शादियों में सिर्फ मेहमानों की नहीं, बच्चों की भी खास देखभाल की जाने लगी है। बड़े समारोहों में जहां बड़ों के लिए म्यूजिक, डांस और पार्टी होती है, वहीं छोटे बच्चों को संभालना कई बार मुश्किल हो जाता है। इसी परेशानी को मौका बनाकर अब एक नया पेशा तेजी से आगे बढ़ रहा है वेडिंग नैनी। इस काम में सिर्फ बच्चों की देखभाल की जाती है और बदले में मिलने वाला मेहनताना किसी अच्छी नौकरी से कम नहीं है।

बच्चों की देखभाल बन गई बड़ी कमाई का जरिया

अमेरिका में यह ट्रेंड काफी लोकप्रिय हो चुका है। न्यूयॉर्क की सैंड्रा वियर नाम की महिला खुद को ‘वेडिंग नैनी’ कहती हैं। वे शादियों और खास आयोजनों में बच्चों को संभालने का काम करती हैं ताकि उनके माता-पिता बिना किसी चिंता के समारोह का आनंद ले सकें। सैंड्रा इस काम के लिए एक दिन की फीस करीब 1,000 डॉलर यानी लगभग ₹88,000 लेती हैं। इतना ही नहीं, उनकी टीम भी मौजूद रहती है जो बच्चों के खेलने, खाना खाने, कहानी सुनने और सोने तक की पूरी जिम्मेदारी संभालती है।

कैसे शुरू हुआ ये अनोखा आइडिया

सैंड्रा पिछले कई सालों से बच्चों की देखभाल का काम कर रही थीं। एक बार उन्हें एक शादी में बच्चों को संभालने के लिए बुलाया गया, जहां लोगों ने पहली बार यह देखा कि कोई सिर्फ बच्चों को संभालने की प्रोफेशनल सर्विस दे रहा है। उसी समय सैंड्रा ने Wedding Nanny NYC नाम से अपनी खुद की सर्विस शुरू की। अब उनकी टीम एक तय यूनिफॉर्म में पहुंचती है और बच्चों को गेम्स, क्राफ्ट और स्टोरी टाइम के जरिए व्यस्त रखती है। इस दौरान माता-पिता पूरी बेफिक्री के साथ फंक्शन का मजा लेते हैं।

भारत में भी शुरू हो रहा है नया चलन

भारत में बच्चों की देखभाल का काम नया नहीं है, लेकिन पहले यह सिर्फ घर तक सीमित था। अब शादी-ब्याह जैसे आयोजनों में भी इसकी जरूरत महसूस की जाने लगी है। बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में कामकाजी माता-पिता इस तरह की सर्विस में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। पहले जहां बच्चों को दादा-दादी या परिवार के सदस्य संभालते थे, वहीं अब यह जिम्मेदारी प्रोफेशनल नैनीज उठा रही हैं।

भारत में चाइल्डकेयर इंडस्ट्री का बढ़ता बाजार

देश में नैनी और चाइल्डकेयर सर्विस का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। साल 2024 में भारत की चाइल्डकेयर इंडस्ट्री का आकार करीब ₹83,600 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था और अगले कुछ वर्षों में इसके ₹1.21 लाख करोड़ रुपये के पार जाने की उम्मीद है। मेट्रो शहरों में यह सेक्टर एक नए रोजगार का जरिया बन चुका है, जहां प्रशिक्षित नैनीज को न सिर्फ घरेलू देखभाल बल्कि शादियों और बड़े आयोजनों में भी बुलाया जाने लगा है।

छोटे शहरों में अब भी लंबा रास्ता बाकी

हालांकि यह ट्रेंड मेट्रो शहरों में तो तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन छोटे कस्बों में अभी भी लोग अपने रिश्तेदारों या भरोसेमंद घरेलू सहायकों पर निर्भर हैं। सुरक्षा, भरोसे और प्रशिक्षण की कमी की वजह से यह पेशा हर जगह अभी उतना विकसित नहीं हुआ है। लेकिन जिस रफ्तार से शहरी जीवन में बदलाव आ रहा है, आने वाले सालों में भारत में भी “वेडिंग नैनी” जैसा बिजनेस एक मजबूत इंडस्ट्री बन सकता है। शादियों में बच्चों की हंसी-खुशी बनाए रखने के साथ-साथ यह पेशा अब हजारों लोगों के लिए कमाई का नया रास्ता खोल रहा है।

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