PM Kisan Beneficiary List: देश के करोड़ों किसानों के लिए एक बार फिर खुशखबरी आने वाली है। केंद्र सरकार बहुत जल्द प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त जारी करने जा रही है। इस बार भी पात्र किसानों के खाते में सीधे 2000 रुपये की रकम ट्रांसफर की जाएगी। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि इस बार सरकार ने लाभार्थियों की सूची में कुछ अहम बदलाव किए हैं। इसलिए जरूरी है कि किसान जल्द से जल्द अपनी जानकारी अपडेट कर लें और यह जांच लें कि उनका नाम नई सूची में है या नहीं।
किन किसानों को मिलेगा किस्त का लाभ
सूत्रों के मुताबिक, पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त नवंबर के पहले या दूसरे हफ्ते में जारी की जा सकती है। इस बार करीब 10 करोड़ किसानों को इसका फायदा मिलने वाला है। यह पैसा सीधे किसानों के बैंक खाते में डीबीटी माध्यम से ट्रांसफर होगा, ताकि किसी भी तरह की देरी या गड़बड़ी न हो। सरकार ने बताया है कि इस बार ई-केवाईसी और बैंक खातों की दोबारा जांच की जा रही है। जिन किसानों का बैंक खाता आधार से लिंक नहीं है या जिनकी ई-केवाईसी अधूरी है, उन्हें इस बार किस्त नहीं मिल पाएगी। इसलिए सभी किसानों से अपील है कि वे अपना रिकॉर्ड सही करवा लें।
योजना से छोटे किसानों को बड़ी राहत
यह योजना शुरू से ही छोटे और सीमांत किसानों के लिए वरदान साबित हुई है। खेती-किसानी से जुड़े खर्च जैसे बीज, खाद, सिंचाई या उपकरण खरीदने के लिए जो पैसों की जरूरत पड़ती है, उसमें यह सहायता बड़ी राहत देती है। कई किसान इस पैसे से रबी या खरीफ फसल की तैयारी करते हैं। सरकार का उद्देश्य सिर्फ आर्थिक मदद देना नहीं, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाना भी है ताकि वे बिना कर्ज के खेती कर सकें। अब तक 20 किस्तों के जरिए किसानों के खाते में 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि भेजी जा चुकी है।
ई-केवाईसी पूरी करना क्यों है जरूरी
सरकार की ओर से साफ कहा गया है कि इस बार बिना ई-केवाईसी वाले किसानों को भुगतान नहीं किया जाएगा। इसका मकसद है कि योजना का लाभ सिर्फ असली किसानों तक पहुंचे। कई बार देखा गया है कि फर्जी नाम या मृत किसानों के नाम से भी किस्त जारी हो जाती थी। अब सिस्टम को पूरी तरह पारदर्शी बनाया जा रहा है ताकि हर रुपया सही हाथों तक पहुंचे। ई-केवाईसी पूरी करने के लिए किसान अपने मोबाइल से pmkisan.gov.in पर जाकर आधार नंबर दर्ज कर सकते हैं और ओटीपी वेरिफिकेशन कर सकते हैं। जिनके पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है, वे अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर भी यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
कौन से किसान होंगे पात्र
सरकार ने पहले ही साफ कर दिया था कि यह योजना सिर्फ उन्हीं किसानों के लिए है जिनके पास अधिकतम दो हेक्टेयर तक की खेती योग्य जमीन है। यानी यह स्कीम खासतौर पर छोटे और सीमांत किसानों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। अगर किसी किसान ने अपनी जमीन किसी और के नाम ट्रांसफर कर दी है या भूमि रिकॉर्ड अपडेट नहीं कराया है, तो उसका नाम लाभार्थी सूची से हटाया जा सकता है। इसलिए किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपने जमीन के दस्तावेज और बैंक खाते की जानकारी दोबारा जांच लें।
नई सूची में नाम कैसे देखें
जिन किसानों ने आवेदन किया हुआ है, वे अपना नाम पीएम किसान लाभार्थी सूची में घर बैठे देख सकते हैं। इसके लिए किसी दफ्तर के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। पोर्टल पर राज्य, जिला, ब्लॉक और गांव का चयन करके नाम खोजा जा सकता है। अगर किसी किसान का नाम सूची में नहीं है तो वह अपने नजदीकी कृषि विभाग या पंचायत कार्यालय में जाकर आवेदन की स्थिति पता कर सकता है। कई राज्यों में अब पंचायत स्तर पर भी सहायता केंद्र बनाए गए हैं जहां किसान अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं।
किसानों में उत्साह, लेकिन सावधानी जरूरी
हर बार की तरह इस बार भी किसानों में किस्त आने को लेकर उत्साह है। लेकिन सरकार ने स्पष्ट कहा है कि केवल वही किसान लाभ उठाएंगे जिनकी जानकारी पूरी तरह सही और सत्यापित होगी। कुछ किसान यह सोचकर निश्चिंत हो जाते हैं कि पिछली बार पैसा आया था तो इस बार भी आ जाएगा, जबकि ई-केवाईसी अधूरी रहने से उनका नाम हटाया जा सकता है।
कुल मिलाकर, पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त किसानों के लिए राहत लेकर आने वाली है। यह स्कीम न केवल आर्थिक सहायता का माध्यम है, बल्कि किसानों की मेहनत का सम्मान भी है। अगर आपने भी अब तक अपनी ई-केवाईसी या बैंक डिटेल अपडेट नहीं की है, तो देर न करें, क्योंकि सरकार इस बार पूरी सटीकता के साथ भुगतान करने जा रही है।